कंप्यूटर या भूल भुलैया ?





आमतौर पर जब लोग कंप्यूटर चलाना सीखना शुरू ही करते हैं और जब-जब कंप्यूटर स्टार्ट कर डेस्कटॉप स्क्रीन देखते हैं तो समझ ही नहीं पाते कि वो अपने सामने क्या देख रहे हैं और उन्हें क्या क्या मिलेगा ? 
तरह तरह के दिखने वाले इतने सारे आइकंस को देख कर ही कंप्यूटर सीखने के नाम पर ही हाथ पाँव फूलने लगते हैं | क्या हो अगर आपको बताया कि कंप्यूटर में सिर्फ दो ही तरह के आइटम्स हैं - निश्चित ही रूप से सीखने वालों को थोड़ी राहत तो मिलेगी ही |

कंप्यूटर में आमतौर पर दो ही तरह के आइटम्स पाए जाते हैं :
  1. फाइल्स 
  2. फ़ोल्डर्स 







फाइल्स ही वो आइटम हैं जिनमे वास्तव में हमारा डाटा या जानकारी संग्रहित होते हैं जो कि किसी भी रूप या प्रकार में हो सकती है तथा फाइल्स में मौजूद डाटा या जानकारी के प्रकार पर ही फाइल का टाइप भी निर्भर करता है | 

डाटा या जानकारी के विभिन्न रूप :
  • टेक्स्ट
  • ऑडियो 
  • विडियो
  • इमेज
  • अन्य 
दुसरे आइटम्स होते हैं फ़ोल्डर्स जिन्हें एक कंटेनर की तरह समझा जा सकता है जिसे एक विशेष नाम दे दिया जाता है | इनका इस्तेमाल विभिन्न फाइल्स को व्यवस्थित रूप से कन्टेन करने के लिए किया जाता है | इन कंटेनर्स या फ़ोल्डर्स के अन्दर भी अन्य फ़ोल्डर्स भी हो सकते हैं जिससे इन फ़ोल्डर्स के कई लेवल बन जाते हैं जिससे रिकॉर्ड को सुविधानुसार सुव्यवस्थित ढंग से मैनेज किया जाता है |





इसके आलावा कंप्यूटर के अन्दर पाए जाने वाले सॉफ्टवेर या प्रोग्राम्स भी एक विशेष तरह की फाइल ही होते हैं जिन्हें प्रोग्राम फाइल्स / एग्सिक्यूटेबल फाइल्स आदि नामों से जाना जाता है | हर एक सॉफ्टवेर एक विशेष काम के लिए होता जिसे संचालित करने के लिए इसके द्वारा और भी कई फाइल्स का इस्तेमाल किया जा सकता है जिन्हें मैनेज करने के लिए सॉफ्टवेर भी फोल्डर मैनेजमेंट का उपयोग करते हैं | सरल शब्दों में समझने की कोशिश करें तो सॉफ्टवेर भी विभिन्न फ़ोल्डर्स में मौजूद फाइल्स का समूह ही होते हैं |

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